पौधों को लगाना
- बिजाई का समय उत्तर भारत में, इसकी खेती दो बार की जा सकती है। इसे फरवरी-मार्च और जून-जुलाई में भी बोया जा सकता है।
- फासला बीजों को बैड के दोनों तरफ बोयें और 45 सैं. मी. फासले का प्रयोग करें।
- बीज की गहराई बीजों को 2-3 सैं. मी. की गहराई में बोयें।
- बिजाई का ढंग बीजों को सीधे या मेंड़ पर बोया जा सकता है।
Similarly टिंडा कैसे उगाए? बीज बोने की सर्वोत्तम विधि::
एक गमले के केंद्र पर 2 बीज बोएं। उभरे हुए सीड्स को 2 x 2 फुट के अंतराल से 2 बीज प्रति स्थान पर रोपें । बीज को अपनी उंगलियों से मिट्टी के माध्यम में थोड़ा दबाएं और उन्हें आसपास की मिट्टी से पूरी तरह से ढक दें । . तुरंत बोये हुए बीज को किसी वाटरिंग कैन से पानी दें ।
टिंडे कब लगाए जाते हैं? टिंडे की पहली बुवाई फरवरी से अप्रैल में करनी चाहिए. इसकी दूसरी बुवाई जून से जुलाई में होती है. इस फसल की बुवाई उच्च गुणवत्ता, सुडौल, स्वस्थ और अच्छे बडी से करनी चाहिए.
Additionally, टिंडा कब लगाया जाता है? टिंडा सब्जी की खेती के लिए जलवायु व मिट्टी
इसलिए इसकी खेती गर्मियों में ही की जाती है। बारिश में भी इसकी खेती कर सकते हैं लेकिन इस दौरान रोग और कीट लगने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। बात करें इसकी खेती के लिए मिट्टी की तो इसकी खेती हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है।
टिंडा कौन से महीने में लगाया जाता है?
Vegetable crops – Sowing time, transplanting time and seed rate
सब्जी फसल | बुआई समय | कटाई समय |
---|---|---|
Round melon टिंडा | Feb.- March June- July | May- June Sept- Oct. |
Tomato टमाटर | June- Aug Nov.- Dec. | Oct.- Dec. April- June. |
Turnip शलजम | Oct.- Nov. | Dec.- March. |
Watermelon तरबूज | Jan.- March | May- June |
टिंडे के बीज का क्या होता है?
टिंडा के बीज की बोआई फरवरी से मार्च और जून-जुलाई तक होती है। कृषि अधिकारियों ने अनुसार इसकी बोआई के लिए एक बीघा में डेढ़ किलो ग्राम बीज पर्याप्त होता है। आमतौर से टिंडे की बुआई समतल क्यारियों में की जाती है किंतु डौलियों पर बोआई करना अत्यंत उपयोगी एवं लाभप्रद रहता है।
तोरई की खेती कैसे करें?
किसान ग्रीष्मकालीन तोरई की बुवाई मार्च में कर सकते हैं, साथ ही इसकी वर्षाकालीन फसल को जून से जुलाई में बो सकते हैं. किसान ध्यान दें कि तोरई की बुवाई के लिए लगभग 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 3-5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है. तोरई की बुवाई के लिए नाली विधि ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है.
टमाटर की वैज्ञानिक खेती कैसे करें?
टमाटर की खेती का तरीका
खेत को 3-4 बार जोतकर अच्छी तरह तैयार कर लें। पहली जुताई जुलाई माह में मिट्टी पलटने वाले हल अथवा देशी हल से करें। खेत की जुताई के बाद समतल करके 250-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद को समान रूप से खेत में बिखेरकर पुन: अच्छी जुताई कर लें और घास-पात को पूर्णरूप से हटा दें।
टिंडे की खेती कितने दिन की होती है?
गर्मियों के मौसम में, 4-5 दिन के फासले पर जलवायु, मिट्टी की किस्म, के अनुसार सिंचाई करें। बारिश के मौसम में बारिश की आवृति के आधार पर सिंचाई करें। टिंडे की फसल को ड्रिप सिंचाई देने पर अच्छा परिणाम मिलता है और 28% पैदावार बढ़ाता है।
तोरई कितने दिन में तैयार हो जाती है?
तोरई की उन्न किस्म
यह किस्म 60 दिनों के बाद फूलती है. प्रत्येक विलो में 15 से 20 फल लगते हैं. Co-1: यह एक हल्की किस्म है और फल 60 से 75 सेमी लंबे होते हैं.
तोरई कितने दिन में फल देने लगती है?
फलों की तुड़ाई
तोरई की अलग अलग किस्मों के फल बीज रोपाई के लगभग 70 से 80 दिन बाद पककर तैयार हो जाते हैं. इसके फलों की तोड़ाई कच्चे रूप में ही कर लेनी चाहिए. कच्चे रूप में तोड़ाई करने पर ही इसका उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है.
लौकी कितने दिन में फल देने लगती है?
60‐65 दिनों में फल देना शुरू हो जाता हैं और 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है.
टमाटर के पौधे में क्या डालें?
टमाटर के पौधे में क्या डालें? ANS. 100 किलो नाइट्रोजन. 60 किलो फास्फेट.
टमाटर में कौन सी दवा डालें?
टमाटर की अच्छी पैदावार लेने के लिए संतुलित उर्वरक सिचाई आदि के साथ-साथ कीड़े व बीमारियों की रोकथाम समय रहते करना अति आवश्यक है। कीटों से बचाव के लिए 400 मिली मेलाथियान 50 ईसी दवा 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें।
टमाटर में कौन सा खाद डालना चाहिए?
सामान्यतौर पर टमाटर की खेती के लिए 100 क्विंटल प्रति एकड़ अच्छी सड़ी हूई गोबर खाद, 50 किलोग्राम डीएपी, 50 किलोग्राम अमोनियम सल्फेट, 40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ रोपाई के पूर्व खेत मे मिलाएं। यदि मृदा में ज़िंक की कमी हो तो 10 किलोग्राम ज़िंक सलफेट प्रति एकड़ रोपाई के पूर्व खेत मे दें।
नेनुआ कितने दिन में उगता है?
इस तरह लगभग 50 दिन में नेनुआ तैयार हो जाएगा, जिसे सुखाकर बीज निकाल सकते हैं. इस तरह ही इन किस्मों का बीज तैयार किया जाता है. नेनुआ की ये किस्में कम लागत में बोई जाने वाली हैं, इन प्रचलित किस्मों से अधिक गुणवत्तायुक्त सब्जी का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे किसानों की आमदनी भी बढ़ सकती है.
तोरई का सबसे अच्छा बीज कौन सा है?
मौसम का चुनाव:
तोरई के संकर बीज उत्पादन के लिए जायद मौसम की अपेक्षा, खरीफ मौसम अधिक उपयुक्त होता है। खरीफ मौसम में बेलों की वृद्धि, पुष्पन तथा फलन अधिक होता है। खरीफ में बीज की गुणवत्ता व फलत भी अधिक प्राप्त होती है ।
नेनुआ की खेती कब और कैसे करें?
स्वर्ण प्रभा
- फल मध्यम लम्बाई के( 20-25 से.मी.), …
- पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी के लिए सहनशील किस्म
- ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त
- रोपाई की दूरी 2.0 मीटर X 0.5 मीटर
- बीज दर 2-2.5 ग्राम प्रति/हे.
- रोपाई के 50-60 दिन बाद फल प्रथम तुड़ाई के लिए तैयार
- उपज 250 -300 क्वि./हे.
- बिहार और झारखण्ड में खेती के लिए अनुमोदित
लौकी का उत्पादन कैसे बढ़ाएं?
इसकी खेती जायद, खरीफ तथा रबी सीजन में ली जा सकती है. जहां जायद सीजन की बुवाई जनवरी, खरीफ सीजन की बुवाई जून के पहले सप्ताह से जुलाई तक तथा रबी सीजन में सितंबर-अक्टूबर महीने में की जाती है. आज हम आपके ऐसे ऑर्गनिक खाद के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका प्रयोग करके आप लौकी के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं.
लौकी के पेड़ की देखभाल कैसे करें?
लौकी के पौधे की देखभाल कैसे करें? /Bottle gourd plant Care
लौकी की बेल को खुली और धूप वाली जगहों पर उगाया जाना चाहिए। शीर्ष भागों में कोको पीट और अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद की एक मोटी परत करें। बढ़ते मौसम के दौरान इसे 2-3 बार दोहराएं। लौकी की बेल को विकास के लिए भरपूर पानी की आवश्यकता होती है।
लौकी में कौन सी दवा डालें?
लौकी में पौधों की अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिए 2-3 बार निकाई-गुड़ाई करके जड़ों के पास हल्की मिट्टी चढ़ा देना चाहिए। रासायनिक खरपतवारनाशी के रूप में ब्यूटाक्लोर रसायन की 2 किग्रा. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बीज बुआई के तुरन्त बाद छिड़काव करना चाहिए ।
टमाटर के फूल क्यों झड़ते हैं?
टमाटर से फूल गिरने के कारण – Cause of Tomato Flower drop in Hindi. तापमान (Temperature) – तापमान कम या ज्यादा होने के कारण टमाटर के पौधे से फूल गिरने लगते हैं, दिन या रात में तापमान कम या ज्यादा होने के कारण ऐसा होता है। टमाटर के पौधे के लिए उचित तापमान निम्न है – दिन के समय 20-30°C और रात के समय 12-20°C होना चाहिए।
टमाटर कितने दिन में फल देता है?
पौधरोपण के 50 से 55 दिन बाद टमाटर के रूप में फल जाएगा। 60 दिन में लाल टमाटर काटने की स्थिति में होगा।
टमाटर की देखभाल कैसे करें?
सबसे पहले ऐसी जगह चुनें, जहां पर्याप्त धूप आती हो. दरअस्ल, टमाटर के पौधे को दिन में कम से कम आठ से 10 घंटे की धूप चाहिए होती है. जितना संभव हो उतना बड़ा गमला चुनें. टमाटर के पौधे को काफ़ी पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है तो इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि गमले में पर्याप्त मिट्टी हो.
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