सांख्यिकीय समंक या आँकड़े वे तथ्य तथा संख्याएँ हैं, जिन्हें परिशुद्धता के उचित स्तर के अनुसार पूर्व-निर्धारित उद्देश्य के लिए व्यवस्थित ढंग से संकलित कर अंकों में व्यक्त किया जाता है।
Considering this, 4 सांख्यिकी क्या है? सांख्यिकी गणित की वह शाखा है जिसमें आँकड़ों का संग्रहण, प्रदर्शन, वर्गीकरण और उसके गुणों का आकलन क्षेत्रों में लागू है – अकादमिक अनुशासन (academic disciplines), इस से प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी, सरकार और व्यापार आदि।
समंक कितने प्रकार के होते हैं नाम सहित बताइए?
(1) प्राथमिक समंकों में मौलिकता होती है क्योंकि ये अनुसंधानकर्ता द्वारा स्वयं एकत्रित किये जाते हैं। जबकि द्वितीयक समंक किसी व्यक्ति, संस्था अथवा अनुसंधानकर्ता द्वारा पूर्व में ही किसी उद्देश्य हेतु एकत्रित किये जा चुके होते हैं।
Correspondingly, सांख्यिकी समंक कितने प्रकार के होते है? Answer
- वर्णनात्मक या गुणात्मक
- संख्यात्मक या अंकात्मक
- गुणात्मक वर्गीकरण
Then, सारणीयन क्या है इसकी विशेषता बताइए? सारणीयन का अर्थ एवं परिभाषा :- सारणीयन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत प्राप्त आंकड़ों को क्रमबद्ध, बोधगम्य, सरल तथा स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाता है। … « सांख्यिकी में वर्गीकृत आंकड़ों को संक्षिप्त और सुव्यवस्थित सारणियों के रूप में प्रस्तुत करने की क्रिया को सारणीयन कहते हैं। »
सांख्यिकी कितने प्रकार के होते हैं?
मापनी चार प्रकार की होती है- नामित मापनी, क्रमवाचक मापनी, अन्तराल मापनी और अनुपात मापनी।
सांख्यिकी का जनक कौन है?
प्रशांत चंद्र महालनोबिस को भारतीय सांख्यिकी का जनक माना जाता है. उनका जन्म 29 जून, साल 1893 में कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था. 29 जून राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
सांख्यिकी का कार्य क्या है?
सांख्यिकी का कार्य विशाल और जटिल तथ्यों को सरल संक्षिप्त बनाना है क्योंकि एकत्र किये हुए आँकड़ों की विशाल राशि को समझना कठिन होगा। अतः सांख्यिकी की विभिन्न रीतियों, जैसे– माध्य, अपकिरण, बिन्दुरेखीय या चित्रमय प्रदर्शन इत्यादि के द्वारा इन तथ्यों को सरल एवं संक्षिप्त बनाया जा सकता है।
समंकों के कितने स्रोत होते हैं?
Answer. Answer: Explanation: प्रकाशित समंकों के स्रोत निम्न है-सरकारी प्रकाशन, समितियों एवं आयोगों की रिपोर्ट, व्यापारिक संस्थाओं को प्रकाशन, पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन, अनुसन्धान संस्थाओं द्वारा प्रकाशन, विश्वविद्यालय के योधकार्य, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का प्रकाशन विशेषज्ञों के मौलिक ग्रन्थ।
समंकों के संकलन की कौन कौन सी विधियां है विस्तार से समझाइए?
प्राथमिक समंकों (आँकड़ों) के संकलन की विधियाँ (रीतियाँ)
- प्रत्यक्ष व्यक्तिगत समंक संकलन रीतिः
- अप्रत्यक्ष मौखिक समंक संकलन रीति।
- संवाददाताओं की सूचनाओं के आधार पर समंक संकलन ।
- प्रश्नावली विधि कम सूचकों द्वारा अनुसूचियाँ भरकर तथा प्रगणकों द्वारा सूचनाएँ प्राप्त करके।
सांख्यिकीय समंकों प्राथमिक को एकत्र करने की विभिन्न रीतियाँ कौन सी है?
प्राथमिक समंकों के एकत्र करने की रीतियो की आलोचनात्मक व्याख्या :
- प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अनुसन्धान रीति : …
- अप्रत्यक्ष मौखिक अनुसन्धान रीति : …
- स्थानीय लोगों एवं संवाददाताओं से सूचना प्राप्त करना : …
- सूचकों द्वारा प्रश्नावली भरवाकर सूचना प्राप्ति रीति : …
- प्रगणको द्वारा अनुसूचियाँ भरना :
सांख्यिकी में अनुसंधान के कितने चरण होते हैं?
स्लूटर ( ) ने सामाजिक शोध के पन्द्रह चरणों का उल्लेख किया है, जो इस प्रकार हैं– (1) शोध विषय का चुनाव। (2) शोध समस्या को समझने के लिए क्षेत्र सर्वेक्षण । (3) सन्दर्भ ग्रन्थ सूची का निर्माण । (4) समस्या को परिभाषित या निर्मित करना।
सारणीयन से आप क्या समझते हैं इसके प्रकार?
सारणीयन का अर्थ (sarniyan ka arth)
संक्षेप मे, सारणीयन संख्यात्मक तथ्यों का सारणी के माध्यम से तार्किक व व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुतिकरण है जिससे कि महत्वपूर्ण सूचनाओं की जानकारी पाठकों के ध्यान मे आसानीपूर्वक लाई जा सके।
अवलोकन क्या है उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए?
(1) पी. वी. यंग के अनुसार- अवलोकन नेत्रों के द्वारा किया गया विचारपूर्वक अध्ययन है, जिसका प्रयोग सामूहिक व्यवहार तथा जटिल सामाजिक संस्थानों के साथ-साथ सम्पूर्णता का निर्माण करने वाली पृथक-पृथक इकाइयों का सूक्ष्म निरीक्षर करने की एक पद्धति के रूप में किया जा सकता है।
गुणात्मक वर्गीकरण कितने प्रकार के होते हैं?
गुणात्मक वर्गीकरण 2 प्रकार के होते हैं। आइये हम गुणात्मक वर्गीकरण के इन 2 प्रकारों को समझने का प्रयास करते हैं। (अ) सरल वर्गीकरण– जब एक गुण को रखने वाले तथा न रखने वाले तथ्यों को 2 वर्गों में विभाजित किया जाता है।
एनोवा क्या है इसकी प्रमुख विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए?
सांख्यिकी में भिन्नता का विश्लेषण (एनोवा) सांख्यिकीय मॉडलों का एक संग्रह है, जिसमें अवलोकित भिन्नता व्याख्यात्मक चर के कारण कई हिस्सों में बाँट दी जाती है।
समक कितने प्रकार के होते हैं?
समंकों के प्रकार (Types of Data in hindi)
- संकलन की दृष्टि से समंक दो प्रकार के होते हैं –
- (1) प्राथमिक समंक (Primary Data)
- (2) द्वितीयक समंक (Secondary Data)
सांख्यिकी विधि का संस्थापक कौन था?
भारत के प्रख्यात सांख्यिकीविद दिवंगत प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था। साल 2021 में प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की 128वीं जयंती है। प्रो प्रशांत चंद्र महालनोबिस भारतीय सांख्यिकी विज्ञान के के संस्थापक थे। उन्होंने 1931 में भारतीय सांख्यिकी विज्ञान की स्थापना की थी।
सांख्यिकी की मुख्य सीमाएँ क्या हैं?
केवल संख्यात्मक तथ्यों के अध्ययन तक सीमित सांख्यिकी का यह प्रमुख और पहला दोष है कि यह केवल मात्रात्मक अथवा संख्यात्मक तथ्यों के अध्ययन तक ही सीमित होता है। इसका उपयोग केवल उन्हीं दशाओं में किया जा सकता है जिनमें समस्याओं अथवा घटनाओं के पहलुओं को संख्याओं अथवा अंकों में प्रस्तुत किया जा सकता है।
अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का क्या अर्थ है?
सांख्यिकी का अर्थशास्त्र में महत्व XI »Economics Page 6 PAN – यह अर्थशास्त्री को आर्थिक तथ्यों को यथातथ्य रूप में प्रस्तुत करने योग्य बनाता है। ऑकड़ों के समूह को कुछ संख्यात्मक मापों के रूप में संक्षिप्त करने में सहायता करती है। सांख्यिकी का प्रयोग विभिन्न आर्थिक कारकों के बीच संबंधों को ज्ञात करने के लिये किया जाता है।
प्राथमिक समंकों के संग्रहण की कौन कौन सी विधियां है?
प्राथमिक समंकों के एकत्र करने की रीतियो की आलोचनात्मक व्याख्या :
- प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अनुसन्धान रीति : …
- अप्रत्यक्ष मौखिक अनुसन्धान रीति : …
- स्थानीय लोगों एवं संवाददाताओं से सूचना प्राप्त करना : …
- सूचकों द्वारा प्रश्नावली भरवाकर सूचना प्राप्ति रीति : …
- प्रगणको द्वारा अनुसूचियाँ भरना :
द्वितीयक सूचनाएँ कहाँ से प्राप्त कर सकते हैं?
विश्वकोष के अतिरिक्त संदर्भ ग्रन्थ तथा ग्रन्थ सूची भी द्वितीयक सूचना के स्त्रोत हो सकते हैं। 2. जनगणना (Census) जनगणना प्राथमिक सूचना स्त्रोत होती हैं। खोज प्रस्तुत नहीं करता है, इसलिए इन्हें द्वितीय सूचना स्त्रोत कहा गया हैं।
सांख्यिकी समंकों को एकत्रित करने की विभिन्न रीतियाँ कौन सी है?
प्राथमिक समंकों के एकत्र करने की रीतियो की आलोचनात्मक व्याख्या :
- प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अनुसन्धान रीति : …
- अप्रत्यक्ष मौखिक अनुसन्धान रीति : …
- स्थानीय लोगों एवं संवाददाताओं से सूचना प्राप्त करना : …
- सूचकों द्वारा प्रश्नावली भरवाकर सूचना प्राप्ति रीति : …
- प्रगणको द्वारा अनुसूचियाँ भरना :
संकलन विधि क्या है?
संख्याओं के किसी क्रम को जोड़ने की संक्रिया संकलन (Summation) कहलाती है। इसका परिणाम योग (sum) या कुलयोग (total) कहलाती है।
Don’t forget to share this post !