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टिंडा कब बोया जाता है?

उत्तर भारत में, इसकी खेती दो बार की जा सकती है। इसे फरवरी-मार्च और जून-जुलाई में भी बोया जा सकता है।

Similarly टिंडे की फसल कितने दिन की होती है? इसके पौधे छोटे औऱ कोमल हो जाएं, तब तुड़ाई का उचित समय होता है. पहली तुड़ाई के 4 से 5 दिन के अंतराल पर तुड़ाई करते रहना चाहिए. टिंडे की उपज भूमि, जलवायु, तापमान, बीजों की गुणवत्ता, बुवाई का समय, सिंचाई आदि पर निर्भर होती है. आमतौर पर इसकी फसल से प्रति हेक्टेयर 80 से 120 क्विंटल पैदावार मिल जाती है.

टिंडे के बीज का क्या होता है? टिंडा के बीज की बोआई फरवरी से मार्च और जून-जुलाई तक होती है। कृषि अधिकारियों ने अनुसार इसकी बोआई के लिए एक बीघा में डेढ़ किलो ग्राम बीज पर्याप्त होता है। आमतौर से टिंडे की बुआई समतल क्यारियों में की जाती है किंतु डौलियों पर बोआई करना अत्यंत उपयोगी एवं लाभप्रद रहता है।

Additionally, टिंडा कैसे उगाए? बीज बोने की सर्वोत्तम विधि::

एक गमले के केंद्र पर 2 बीज बोएं। उभरे हुए सीड्स को 2 x 2 फुट के अंतराल से 2 बीज प्रति स्थान पर रोपें । बीज को अपनी उंगलियों से मिट्टी के माध्यम में थोड़ा दबाएं और उन्हें आसपास की मिट्टी से पूरी तरह से ढक दें । . तुरंत बोये हुए बीज को किसी वाटरिंग कैन से पानी दें ।

चप्पल टिंडा की खेती कैसे की जाती है?

ऐसे में उन्हें हर दिन आठ से साढ़े आठ हजार रुपए तक पैदावार मिल रही है। यूं ली जाती फसल : ताइवानी टिंडा की बुआई के लिए खेत में सबसे पहले बूंद-बूंद सिंचाई के लिए मिट्टी के बैड बनाए जाते हैं। बैड पर फसल बुआई से पहले प्लास्टिक मलचिंग की जाती है। वहीं फसल अंकुरण के साथ ही सर्दी से बचाव के लिए नुनवुन लगाया जाता है।

टिंडा कैसे होते हैं?

टिंडा एक सब्जी है। इसका पौधा लतावाला होता है। साथ ही टिंडा बहुत ही प्राकृतिक गुणों से लैस होता है। टिंडा में एन्टी-ऑक्सिडेंट, फाइबर, कैराटिनॉयड, विटामिन सी, आयरन या पोटाशियम होता है जो टिंडे को सूपरफूड बनाने में मदद करता है।

टमाटर की वैज्ञानिक खेती कैसे करें?

टमाटर की खेती का तरीका

खेत को 3-4 बार जोतकर अच्छी तरह तैयार कर लें। पहली जुताई जुलाई माह में मिट्टी पलटने वाले हल अथवा देशी हल से करेंखेत की जुताई के बाद समतल करके 250-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद को समान रूप से खेत में बिखेरकर पुन: अच्छी जुताई कर लें और घास-पात को पूर्णरूप से हटा दें।

ककड़ी की खेती कैसे करें?

बीज उत्पादन

ककड़ी को अन्य किस्मों जैसे वाइल्ड मैलन, खरबूजा, स्नैप मैलन और ककड़ी आदि से 1000 मीटर के फासले पर रखें। खेत में से प्रभावित पौधों को हटा दें। जब फल पक जायें जैसे उनका रंग बदलकर हल्का हो जाये तब उन्हें ताजे पानी में रखकर हाथों से तोड़ें और गुद्दे से बीजों को अलग कर लें।

टिंडा का क्या भाव है?

जो वर्तमान में सब्जी मण्डी में ५५ रुपए किलो भाव में बिक रहा है। मात्र सीजन के दौरान ही बाहर भेजा जाता है। वह भी बहुत कम मात्रा में जाता है। व्यापारियों ने बताया कि शाहपुरा तहसील के आसपास के गांवों में पैदा होने वाला टिण्डा प्रदेश से लेकर दिल्ली समेत कई राज्यों तक मशहूर है।

टमाटर के पौधे में क्या डालें?

टमाटर के पौधे में क्या डालें? ANS. 100 किलो नाइट्रोजन. 60 किलो फास्फेट.

टमाटर में कौन सी दवा डालें?

कीटों से बचाव के लिए 400 मिली मेलाथियान 50 ईसी दवा 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें। फल छेदक सुंडी की रोकथाम के लिए 60 मिली साइपरमैथरीन 25 ईसी कीटनाशक को 200 लीटर पानी में मिलकर प्रति एकड़ छिड़काव 15 दिन के अंतर पर कर दे।

टमाटर में कौन सा खाद डालना चाहिए?

सामान्यतौर पर टमाटर की खेती के लिए 100 क्विंटल प्रति एकड़ अच्छी सड़ी हूई गोबर खाद, 50 किलोग्राम डीएपी, 50 किलोग्राम अमोनियम सल्फेट, 40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ रोपाई के पूर्व खेत मे मिलाएं। यदि मृदा में ज़िंक की कमी हो तो 10 किलोग्राम ज़िंक सलफेट प्रति एकड़ रोपाई के पूर्व खेत मे दें।

ककड़ी कौन से महीने में बोई जाती है?

इस फसल की खेती महाराष्ट्र (Maharashtra) में लगभग 3711 हेक्टेयर में की जाती है. खीरे और ककड़ी की बुवाई फरवरी-मार्च के महीने में की जाती है. ककड़ी एक गर्म और शुष्क जलवायु में उगाई जाने वाली फसल है. बेहतर जल निकासी वाली मध्यम से भारी मिट्टी इस फसल के लिए उपयुक्त होती है.

ककड़ी में कौन सी दवा डालें?

मैलाथियान 50 ई.सी. व 200 ग्राम चीनी या गुड़ को 20 लीटर पानी में मिलाकर कुछ चुने हुए पौधों पर छिड़क देना चाहिए. इससे वयस्क आकर्षित होकर आते हैं व नष्ट हो जाते हैं. कार्बेरिल (0.1 प्रतिशत) कीटनाशक (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करना लाभदायक है, लेकिन रासायनिक दवा का छिड़काव फल तोड़कर ही करना चाहिए.

ककड़ी की बेल कैसे लगाएं?

  1. 1/ 8. खीरे की बेल उगाने के लिए इसके बीजों को सही समय पर रोपना जरूरी है. …
  2. 2/ 8. खीरे की बेल उगाने के लिए सबसे पहले उत्तम किस्‍म का बीज चुनें. …
  3. 3/ 8. गमले में बीज बोने के लिए मिट्टी तैयार करें. …
  4. 4/ 8. अगर आप गमले या कंटेनर में खीरे की बेल उगाने जा रहे हैं तो इसके लिए इसका सही साइज होना जरूरी है. …
  5. 5/ 8. …
  6. 6/ 8. …
  7. 7/ 8. …
  8. 8/ 8.

टमाटर के फूल क्यों झड़ते हैं?

टमाटर से फूल गिरने के कारण – Cause of Tomato Flower drop in Hindi. तापमान (Temperature) – तापमान कम या ज्यादा होने के कारण टमाटर के पौधे से फूल गिरने लगते हैं, दिन या रात में तापमान कम या ज्यादा होने के कारण ऐसा होता है। टमाटर के पौधे के लिए उचित तापमान निम्न है – दिन के समय 20-30°C और रात के समय 12-20°C होना चाहिए।

टमाटर कितने दिन में फल देता है?

पौधरोपण के 50 से 55 दिन बाद टमाटर के रूप में फल जाएगा। 60 दिन में लाल टमाटर काटने की स्थिति में होगा।

टमाटर की देखभाल कैसे करें?

सबसे पहले ऐसी जगह चुनें, जहां पर्याप्त धूप आती हो. दरअस्ल, टमाटर के पौधे को दिन में कम से कम आठ से 10 घंटे की धूप चाहिए होती है. जितना संभव हो उतना बड़ा गमला चुनें. टमाटर के पौधे को काफ़ी पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है तो इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि गमले में पर्याप्त मिट्टी हो.

टमाटर की फसल को झुलसा रोग से कैसे बचाएं?

पंकज नौटियाल ने बताया कि टमाटर पर लगने वाली बीमारी का नाम पछेती झुलसा और बैक्टीरियल बिल्ट रोग है। इसमें 10 लीटर पानी में 30 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड और 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइलिन का मिश्रण मिलाकर टमाटर की फसल पर छिड़काव करना पड़ता है, जिससे बीमारी खत्म हो जाती है।

टमाटर के फूल क्यों गिरते हैं?

टमाटर से फूल गिरने के कारण – Cause of Tomato Flower drop in Hindi. तापमान (Temperature) – तापमान कम या ज्यादा होने के कारण टमाटर के पौधे से फूल गिरने लगते हैं, दिन या रात में तापमान कम या ज्यादा होने के कारण ऐसा होता है। टमाटर के पौधे के लिए उचित तापमान निम्न है – दिन के समय 20-30°C और रात के समय 12-20°C होना चाहिए।

टमाटर में कौन कौन सा रोग लगता है?

टमाटर के 10 प्रमुख रोग एवं उनका समेकित रोग प्रबंधन

  • 10 Major Diseases of Tomato and Their Integrated Disease Management.
  • आर्द्रपतन इस रोग में रोगजनक का आक्रमण बीज अंकुरण के पूर्व अथवा बीज अंकुरण के बाद होता है। …
  • अगेती झुलसा …
  • पक्षेती झुलसा …
  • सेप्टेरिया पर्णचित्ती …
  • फल सड़न …
  • फ्यूजेरियम म्लानि …
  • जीवाणु म्लानि

टमाटर का पौधा कितने दिन में आता है?

पौधरोपण के 50 से 55 दिन बाद टमाटर के रूप में फल जाएगा। 60 दिन में लाल टमाटर काटने की स्थिति में होगा।

टमाटर के पौधे की देखभाल कैसे करें?

अपनी मिट्टी के pH को मॉनिटर करें: टमाटर हल्की सी एसिडिक मिट्टी में पनपते हैं। हाइली एसिडिक सॉइल प्लांट से कैल्शियम ले सकती है और आखिर में सड़न पैदा कर सकती है। मिट्टी के pH को 6.0 और 6.8 के बीच ही रखें। अगर मिट्टी का टेस्ट 6.8 से ऊपर है, तब बराबर मात्रा में कोल्ड कॉफी और पानी के मिक्स्चर के साथ टमाटर को पानी दें।

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