h2>Dating : Barha Gore Dil Zhuka Laya — Mir Taki Mir — Love Poems
बारहा गोर दिल झुका लाया
अब के शर्त-ए-वफ़ा बजा लाया
क़दर रखती ना थी मिटा-ए-दिल
सारे आलम को मैं दिखा लाया..
दिल के यक क़तरा-ए-खून नहीं है बेश
एक अलम के सर बला लाया
सब पे जिस बर ने गिरानी की
उसको ये नातवाँ उठा लाया..
दिल मुझे उस गली में ले जा कर
और भी खाक में मिला लाया
अब तो जाते हैं बुतक़दे आए ‘मीर’
फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया…